Indian Hockey: भारतीय गोलकीपर PR Sreejesh हुए भावुक, बताया ओलंपिक पदक जीतने के बाद की कहानी
भारत के गोलकीपर PR Sreejesh की वजह से Indian Hockey Team 41 साल बाद ओलंपिक मेडल को जीतने में सफल हो पाई थी। गोलकीपर श्रीजेश ने टोक्यो ओलंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाया था। जर्मनी के खिलाफ टोक्यो ओलंपिक में श्रीजेश ने काफी गोल को बचाया और भारत को जीत की तरफ ले गये। जब उनको मैडल मिल गया है, तो अब वह उस दिन के ख़ास पलो के बारे में बता रहे है।
श्रीजेश ने बताया जब वह मेडल जीत चुके थे तब वो अपने 21 साल के कैरियर को याद करने लगे थे। उन्होंने बताया कि उनका पूरा कैरियर उनकी आंखों के सामने घूमता जा रहा था। अभी श्रीजेश की उम्र सिर्फ 33 साल की है और इनको वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर 2021 अवार्ड भी मिलने वाला है। श्रीजेश की अगर बात करे तो यह भारत के कप्तान भी रह चुके है।
श्रीजेश जर्मनी के खिलाफ मैच के वक़्त दबाव में थे
‘हॉकी ते चर्चा’ पॉडकास्ट में श्रीजेश ने बताया है कि जब जर्मनी के खिलाफ मैच चल रहा था, तो उस वक़्त 6 सेकंड में पेनल्टी कॉर्नर गंवाने के बाद खुद भी बाकी लोगो की तरह काफी दुखी थे। हमने पहले भी काफी मैच को आखिरी वक़्त में गवाए था और वही सभी यादे दुबारा से याद आ रही थी। जिसके कारण हमे पता था कि जर्मनी की टीम किसी भी मैच को बदलने में बहुत माहिर है। लेकिन हम मैच में अपने Focus बनाए रखे थे।
जीत के बाद पीआर श्रीजेश भावुक हो गए थे
गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने बताया कि मैच के दौरान काफी जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। लेकिन फिर भी इतने दवाब के बाद भी अपने फोकस को बनाये रखना काफी मुश्किल सा हो गया था। लेकिन हमने गोल को बचाया और मैच को जीत गये। भारत की इस जीत और मैडल की वजह से खुद काफी भावुक हो गए थे। श्रीजेश की आँखो के सामने 21 साल का करियर घूम गया और वो जीवी राजा स्पोर्ट्स स्कूल से लेकर टोक्यो ओलंपिक तक के इस सफर को याद करने लगे थे।
श्रीजेश को 2017 में गंभीर चोट लगी थी
श्रीजेश ने बताया 2017 में उनके गंभीर चोट लगी थी जिसके कारण उनका करियर भी खतरे की कगार पर आ गया था। लेकिन इस चोट से निपटने में उनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उस वक़्त वह भारतीय टीम के कप्तान थे और लोग उन्हें पहचानने लगे थे।
श्रीजेश के लिए हॉकी सबसे ज्यादा ऊपर है। चोट लगने के कारण उनको टीम से बाहर निकाल दिया था, लेकिन उनकी टीम में ना होने के बावजूद भी टीम इंडिया काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। अब श्रीजेश को लग रहा था कि लोग उनको भूल जाएंगे। यह उनके लिए काफी कठिन वक्त था , लेकिन बाद में उन्होंने खुद को मजबूत किया और टीम में वापस आ गए। खेल में उम्र एक काफी नाजुक चीज है और बढ़ती उम्र के साथ चोट लगने पर लोग बीता कल समझ लेते है।
श्रीजेश ने बताया जब 2018 हॉकी विश्व कप के बाद काफी लोगों ने मेरी आलोचनाएं की थी। उस वक्त मेरे पिताजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। मैं काफी परेशानियों से जूझ रहा था। कभी कभी उस वक्त मेरे मन में हॉकी से सन्यास लेने का भी सोच रहा था। लेकिन में धन्यवाद करना चाहुँगा नीदरलैंड के गोलकीपर याप स्टॉकमैन का क्युकी इनकी सलहा के कारण आज में कठिन दौर से निकल पाया।